Thursday, October 10, 2013

और उस समय,
जब आप अकेले होते हैं,
और ,तलाश रहे होते हैं,
एक अवलंबन ,
एक सूने ,शीत कमरे में,
अपने ,तकिये के बिना
आप देख पाते हैं ,
कुछ खूंटियां
जिन पर आप टांग सकते हैं ,
अपनी टाई,कोट और पतलून ,
और ,यह बोध उपलब्ध होता है ,आपको
कि,आपके तख्तपोश के सिवा
कोई नहीं है,
जो झेल सके आपको
आपकी सोच के साथ |

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