Thursday, October 10, 2013

मैं और सिकन्दर
सिकन्दर और मैं|
दोनों सोये लगभग अकेले
हर रात
अपने ऐ सी,रूम हीटर ,बिस्तर
और तकिये के साथ
पूरे जीते हुए विश्व के बाद भी
कोई नहीं था ,हमारे कमरों में
अंगरक्षकों के सिवा |
मैंने देखा अपने छत के पंखे को ,और
सिकन्दर ने सितारों को ,
एक पल को हमने झाँका
एक दुसरे की आँखों में,
और तय पाया
यूँ ही सोते हैं
विश्वविजेता !

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